
अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क ऐस्पर का कहना है कि तुर्की पहले से की गई योजना से “अधिक वक्त तक” अपना अभियान चलाएगा. तुर्की के सैन्य अभियान का निशाना कुर्द लड़ाकों को बाहर खदेड़ने का है जो इस इलाक़े में अमेरिका के सहयोगी है. अमेरिकी रक्षा मंत्री का कहना है कि वो सीरिया और रूस से मदद मांग सकते हैं और अमेरिका उनका बचाव नहीं करेगा. हालांकि, बाद में कुर्द लड़ाकों का कहना था कि सीरिया इस इलाके में अपनी सेना तैनात कर सकता है. सीरियाई सरकारी टेलिवीज़न ने पहले ही घोषणा की थी कि तुर्क सेना का सामना करने के लिए सीरियाई सैनिक उत्तर की तरफ बढ़ रहे हैं.
इधर संयुक्त राष्ट्र ने बताया है कि इलाके में तनाव के कारण 130,000 से अधिक लोग अपने घरों को छोड़ कर जा चुके हैं और यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. बीते सप्ताह सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस और कुर्द नेतृत्व में लड़ रहे लड़ाकों ने कहा था कि तुर्की की सेना के हमले के कारण हालात बिगड़े तो वो कैम्पों में रह रहे कथित चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के संदिग्ध लड़ाकों के परिवारों की रक्षा नहीं कर पाएंगे. रविवार को कुर्द अधिकारियों ने बताया कि इस्लामिक स्टेट से जुड़े करीब 800 लोग उत्तरी सीरिया में एक शिविर से भाग निकले हैं. उन्होंने बताया कि बंदियों ने ऐन इस्सा के विस्थापन शिविर के गेट पर हमला किया. इस इलाक़े के नज़दीक ही लड़ाई चल रही है.
बीते सप्ताह शुरु हुए तुर्की के हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है. सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ जंग में सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस पश्चिमी देशों का मुख्य सहयोगी था. राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के उत्तर सीरिया से अमरीकी सैनिकों को वापस बुलाने के विवादास्पद फ़ैसले के कुछ दिन बाद ही तुर्की ने हमला किया था.
तुर्की ने कुर्दों पर चमरपंथी होने का आरोप लगाया है और कहा कि वह उन्हें सीरिया में 30 किलोमीटर अंदर तक बन रहे “सेफ़ ज़ोन” से दूर करना चाहता है. तुर्की ने उस “सेफ़ ज़ोन” में 30 लाख से अधिक सीरियाई शरणार्थियों को फिर से बसाने की योजना बनाई है जो इस समय तुर्की में है. इनमें से अधिकतर कुर्द नहीं हैं.
ऐन इस्सा में क्या हुआ?
आईएस से जुड़े लोगों के शिविर से भागने का पूरा विवरण अभी सामने नहीं आया है. कुर्द अधिकारियों का कहना है कि आईएस से जुड़े करीब 800 लोग वहां से भाग गए हैं. लेकिन सीरिया के हालातों पर नज़र रखने वाली एक संस्था ने शिविर से भागने वालों की संख्या 100 बताई है, लेकिन ये लोग भाग कर किधरगए हैं इस बारे में कोई जानकारी मौजूद नहीं है.

सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस के अनुसार शिविर में सात जेलों में इस्लामिक स्टेट से जुड़े करीब 12,000 संदिग्ध लोगों को रखा गया है जिनमें से लगभग 4,000 विदेशी महिलाएं और बच्चे हैं जिनका संबंध इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से है. फोर्सेस के नियंत्रण वाले इन शिविरों के सही लोकेशन के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं है लेकिन बताया जा है कि इनमें से कुछ तुर्की सीमा के काफी करीब हैं.
बीबीसी अरब मामलों के संपादक सेबेस्टियन अशर का कहना है कि अगर वाकई शिविर में रखे गए लोग भाग गए हैं, तो ये स्पष्ट नहीं है कि वो कहां गए होंगे. सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी रेदुर सलील ने बताया, “जिन्हें भी कैदियों की सुरक्षा की परवाह है वो इस मसले के समाधान के बारे में ज़रूर सोचेगें.”
उन्होंने चेतावनी दी है कि तुर्की के सैन्य अभियान से आईएस के फिर से जड़े जमाने का रास्ता खुल रहा है. आईएस ने शनिवार को हुए कार बम हमले की जिम्मेदारी ली है और शनिवार को सीरिया में एक नये अभियान की घोषणा की है, जिसके बारे में कहा गया है कि वह कुर्द की अगुवाई वाली जेलों में अपने सदस्यों को बंद कर रखे जाने का बदला है. तुर्की ने कहा है कि वह आईएस के उन कैदियों की जिम्मेदारी लेगा जो उसे हमले के दौरान मिलेंगे.

कैसे बढ़ रहा है हमला?
तुर्की ने ये दावा किया है कि वो उत्तरी सीरिया में अपने कदम बढ़ा रहा है. रविवार को तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा कि सुरक्षा बलों ने 109 वर्ग किलोमीटर के इलाके में अपना कब्ज़ा कर लिया है.
उन्होंने कहा कि सेना ने देश की सीमा के नज़दीक बसे रस-अलेन शहर को कब्ज़े में ले लिया है. हालांकि सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस ने कहा है कि उन्होंने तुर्की सैनिकों के शहर से बाहर धकेल दिया है. अर्दोआन ने कहा है कि तुर्की सेना ने ताल अब्याद शहर पर भी कब्ज़ा कर लिया है. सीरिया पर नज़र रखने वाली ब्रिटेन स्थित संस्था सीरियन अब्ज़र्वटॉरी फॉर ह्यूमैन राइट्स (एसओएचआर) के मुताबिक़ ताल अब्याद शहर पर तुर्की सेना का पूरा कब्ज़ा है.
हताहतों की संख्या
सीरियन अब्ज़र्वटॉरी फॉर ह्यूमैन राइट्स ने बताया कि उत्तर पूर्वी सीरिया में हो रहे इन हमलों में अब तक कम से कम 50 आम नागरिक और 100 से अधिक कुर्द लड़ाके मारे गए हैं. सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस के अनुसार अब तक हमलों में 56 कुर्द लड़ाके मारे गए हैं जबकि तुर्की सरकार का कहना है कि हमलों में 440 कुर्द लड़ाकों की मौत हुई है. तुर्की से मिल रही खबरों के मुताबिक़, दक्षिणी तुर्की में 18 आम नागरिक मारे गए हैं. तुर्की सरकार का कहना है कि अब तक चार तुर्की सैनिक और 16 तुर्की समर्थित सीरियाई लड़ाके मारे गए हैं.

अभियान पर क्या प्रतिक्रिया है ?
तुर्की पर सैन्य अभियान रोकने का दबाव बढ़ रहा है लेकिन राष्ट्रपति रेचेप तैयप्प अर्दोआन ने कहा है कि यह अभियान जारी रहेगा. शनिवार को फ्रांस ने कहा कि वह तुर्की को सभी हथियारों की आपूर्ति बंद कर देगा. इससे पहले जर्मनी ने घोषणा की थी कि वह तुर्की के लिए अपनी हथियारों की बिक्री को कम कर रहा है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने फोन पर राष्ट्रपति रेचेप तैयप्प अर्दोआन को चेतावनी दी कि उनका सैन्य अभियान सीरिया में आईएस के खिलाफ हासिल की गई बढ़त को कमजोर कर सकता है. कुर्दों ने स्पष्ट किया है कि वे अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के सेना को वापस बुलाने के फैसले को धोखे की तरह देखते हैं. वो चाहते हैं कि अब अमरीका तुर्की और कुर्दों के बीच संघर्ष विराम पर बातचीत करे.
डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर जरूरत हुई तो वह तुर्की के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं. वहीं, तुर्की के हमले के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए हजारों लोगों ने शनिवार को पेरिस और बर्लिन सहित यूरोप के कई शहरों में मार्च निकाला.



