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प्याज के दाम बढ़ने से मोदी सरकार ने उठाए ये कदम, जानें

नई दिल्ली। प्याज की आपूर्ति प्रभावित होने से कीमतें लगातार तेज हो रही हैं। प्याज की महंगाई को सरकार ने अस्थाई करार देते हुए इसमें जल्दी ही सुधार होने की बात कही है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि बफर स्टॉक में पर्याप्त प्याज है। उन्होंने राज्यों से कहा है कि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से प्याज उठा सकते हैं। पासवान मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

देश के विभिन्न हिस्सों में प्याज की कीमतें 50 से 60 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही हैं। इस बारे में केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि प्याज उत्पादक ज्यादातर राज्यों में बाढ़ से तबाही मची हुई है। इसके चलते प्याज की आपूर्ति में बाधा पैदा हो गई है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बाढ़ के चलते वहां से प्याज की आपूर्ति देश के बाकी हिस्सों में नहीं हो पा रही है।

उपभोक्ता मामले मंत्रालय की ओर से जारी दैनिक खुदरा मूल्य के ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्याज का अधिकतम मूल्य 56 रुपये प्रति किलो बोला गया, जबकि औसत मूल्य 44 रुपये किलो है। महानगरों में प्याज के मूल्य बढ़े हुए हैं। दक्षिण भारत के चेन्नई महानगर में प्याज के मूल्य 34 रुपये किलो, जबकि मुंबई में 43 रुपये किलो बिक रही है। राजधानी दिल्ली में 44 रुपये और कोलकाता में 45 रुपये किलो बोली जा रही है।

देश के दूसरे कुछ हिस्सों में प्याज के मूल्य अधिकतम 50 से 60 रुपये किलो तक बिकने लगी है। दरअसल प्याज के भाव स्थान और आपूर्ति की स्थिति पर तय हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा ‘हर साल इन्हीं दो तीन महीनों के भीतर तीन जिंसों आलू, प्याज और टमाटर में महंगाई देखने को मिलती है। इस साल केवल महंगाई की मार प्याज पर पड़ रही है। सरकार के बफर स्टॉक में पर्याप्त प्याज है।’

उन्होंने कहा कि प्याज की घरेलू मांग के मुकाबले उत्पादन अधिक होने की वजह से सरकारी एजेंसी नैफेड ने प्याज की खरीद कर बफर स्टॉक बना लिया है, लेकिन आपूर्ति गड़बड़ाने हालात थोड़े विषम हो गये हैं। पासवान ने कहा कि सरकारी संस्था नैफेड और एनसीसीएफ के साथ मदर डेयरी अपने खुदरा बिक्री केंद्रों से प्याज की बिक्री रियायती 23.90 रुपये प्रति किलो की दर से कर रहे हैं।

प्याज की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने अपनी एजेंसी एमएमटीसी से 2000 टन प्याज का निर्यात करने को कहा है, जिसका वैश्विक टेंडर जारी हो चुका है। प्याज की महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने कई उपाय किये हैं, जिनमें प्याज के न्यूनतम निर्यात में भारी वृद्धि, जमाखोरों और ब्लैक मार्केटिंग करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।

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