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बिजली उपभोक्ताओं को जोर से लगा ‘करंट’ 15 फीसद तक बढ़े दाम

गाजियाबाद। दिल्ली की केजरीवाल सरकार जहां दिल्ली वालों को राहत देने के लिए बिजली टैरिफ कम कर रही है, वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं जोर का झटका दिया है।  राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस बाबत मंगलवार को नया टैरिफ जारी कर दिया। इसके तहत सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में औसतन 12 से 15 फीसद का इजाफा किया गया है। यह अलग बात है कि बिजली उपभोक्ताओं से वसूले जाने वाले 4.28 फीसद रेग्युलेटरी सरचार्ज को समाप्त भी कर दिया गया है। ऐसे में आकड़ों पर गौर करें तो असल इजाफा 7.41 फीसद ही हुआ है।

मंगलवार को शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में बढ़ोतरी के साथ-साथ फिक्स चार्ज में भी इजाफा किया गया, जबकि ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं को से पहले 400 रुपये प्रति किलोवाट का बिल वसूला जाता था। उसे बढ़ाकर 500 रुपये प्रति किलोवाट कर दिया गया है। 

यहां पर बता दें कि उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में जहां औसतन 11.69 फीसद का इजाफा किया है वहीं शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली 12 फीसद तक की महंगी की गई है। ग्रामीण उपभोक्ताओं (किसानों) की बिजली की दरें अबकी 15 फीसद तक बढ़ेंगी। व्यापारियों की बिजली की दर भी 10 फीसद से अधिक बढ़ाई गई है। हालांकि, उद्यमियों की बिजली की दर में अधिकतम 10 फीसद का ही इजाफा किया गया है। कम बिजली खपत वाले लाइफ लाइन उपभोक्ताओं की दरें यथावत रखी गईं हैं। आयोग ने 4.28 फीसद रेग्यूलेटरी सरचार्ज खत्म कर बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को राहत भी दी है। नई बिजली की दरें सप्ताह भर बाद लागू हो जाएंगी।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की दरों में 25 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। वहीं गांव के अनमीटर्ड किसान की दरों में 14 फीसद, शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 12 फीसद और उद्योगों की दरों में 5-10 फीसद का इजाफा किया गया है।

चुपचाप टैरिफ आर्डर जारी

वैसे तो विद्युत नियामक आयोग बिजली की दरें घोषित करने के लिए बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाता है लेकिन वित्तीय वर्ष 2019-20 की दरों के लिए आयोग ने चुपचाप टैरिफ आर्डर जारी कर दिया। आयोग द्वारा जारी आर्डर के मुताबिक बिजली की मौजूदा दरों में औसतन 11.69 फीसद का इजाफा किया गया है जबकि पावर कारपोरेशन द्वारा दाखिल टैरिफ प्रस्ताव में औसतन 14 फीसद बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई थी। अब कारपोरेशन प्रबंधन को तीन दिन में स्वीकृत दरों को अखबारों में प्रकाशित कराना होगा। प्रकाशन से एक सप्ताह बाद नई दरें लागू हो जाएंगी।

  • घरेलू श्रेणी की बिजली 12 फीसद बढ़ी।
  • किसानों के लिए बिजली 9 फीसद महंगी।
  • शहरी क्षेत्र के किसानों के लिए 15 फीसद महंगी।
  • औद्योगिक श्रेणी बिजली की कीमत 10 फीसद बढ़ी।
  • कुल टैरिफ में 11.69 फीसद की वृद्धि।

करीब दो वर्ष बाद बढ़ोतरी

प्रदेश में करीब दो वर्ष बाद बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले 2017 में बिजली की दरों में औसतन 12.73 फीसदी का इजाफा किया गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव खत्म होने के फौरन बाद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने सभी श्रेणियों के तकरीबन तीन करोड़ उपभोक्ताओं के लिए बिजली की मौजूदा दरों में जबरदस्त बढ़ोतरी का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया था।

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