खेल

भारत की डोपिंग टेस्टिंग लैब की मान्यता रद्द, अपील की तैयारी

नई दिल्ली. खेल की दुनिया में खिलाड़ियों के प्रतिबंधित दवाओं के सेवन पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने भारत की नेशनल डोप टेस्टिंग लैब (एनडीटीएल) की मान्यता 6 महीने के लिए रद्द कर दी। ओलिम्पिक गेम्स में एक साल से भी कम समय बचा है। ऐसे में वाडा के इस कदम से भारत को बड़ा झटका लगा है। वाडा की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अधिकारियों द्वारा साइट विजिट के दौरान पाया गया कि नाडा के लिए सैंपल कलेक्ट करने वाली लैब में अंतरराष्ट्रीय मानक पूरे नहीं हो रहे। ऐसे में उस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। 
 
नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) अभी भी खिलाड़ियों के ब्लड और यूरिन सैंपल्स इकट्ठा कर सकता है, लेकिन इनकी टेस्टिंग उसे विदेश में वाडा से मान्यता प्राप्त किसी लैब से करानी होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे उसके रेवेन्यू में कमी आएगी। वाडा ने नेशनल एंटी डोपिंग लैब को 2008 में मान्यता दी थी। सस्पेंशन के बाद एनडीटीएल यूरिन और ब्लड सैंपल की जांच नहीं कर पाएगा। इससे पहले एनटीडीएल ही सैंपल जांच कर खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाती थी।

फैसले के खिलाफ अपील करेंगे: खेलमंत्री किरेन रिजिजू
खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उनका मंत्रालय वाडा के इस फैसले के खिलाफ स्विट्जरलैंड स्थित कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में अपील करेंगे। उन्होंने कहा, “पहले कुछ मुद्दे रहे हैं। खेल मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद मैंने उन चीजों पर गौर किया और उन्हें सुधारने का काम जारी है। दुख की बात है कि इन कोशिशों के बावजूद वाडा ने अपना रुख नहीं बदला। हम इसके खिलाफ अपील करेंगे और इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

आईओए ने कहा- जांच का खर्च वहन नहीं कर सकते
भारतीय ओलिम्पिक एसोसिएशन (आईओए) ने कहा कि देश अभी खिलाड़ियों के सैंपल दूसरे देशों में भेजने का खर्च नहीं उठा सकता। खासकर थाईलैंड स्थित बैंकॉक जैसी लैब में। आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा कि यह भारत की ओलिम्पिक की तैयारियों के लिए बड़ा झटका है। भारत की राष्ट्रीय स्पोर्ट्स फेडरेशन (एनएसफ) सैंपल टेस्टिंग में अतिरिक्त खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। 

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