दिल्लीराज्य

सब्जी की कीमत बढ़ने से दिल्ली बेहाल, मदर डेयरी से मिलेंगे टमाटर

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से आम जनता परेशान है. मॉनसून शुरू हो जाने के बाद दिल्ली को सब्जियों की आपूर्ति करने वाले कई राज्य भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहे हैं. इसका सीधा असर दिल्ली में नजर आ रहा है और टमाटर, तरोई, भिंडी समेत अन्य सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं.

चुनावी साल में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मजबूत चुनौती से दो-चार हो रही आम आदमी पार्टी की मुसीबत सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने और बढ़ा दी है. सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अब मदर डेयरी से टमाटर बेचने के लिए कहा है. साथ ही दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी लगातार मंडियों का दौरा कर रहे हैं.

इस संबंध में शनिवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री इमरान हुसैन ने आज तक से बात करते हुए कहा कि टमाटर की बढ़ती कीमत पर विभाग की बैठक में चर्चा की गई. पिछले एक सप्ताह में टमाटर की कीमतों में गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि विभाग का मार्केट इंटेलिजेंस सेल प्रतिदिन आजादपुर, गाजीपुर और ओखला मंडी का दौरा कर रहे हैं. सुबह व्यापारी माल खरीदते हैं, जिसके बाद रिटेल बिक्री के लिए सब्जियां भेजी जाती हैं. हुसैन ने कहा कि विभाग के अधिकारी होर्डिंग पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि नासिक से भी टमाटर मंगवाया जा रहा है.

15 अगस्त तक कम होंगे टमाटर के दाम!

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि नासिक से भी टमाटर मंगवाया जा रहा है. इसके 15 अगस्त के आसपास दिल्ली की मंडियों में पहुंचने की उम्मीद है.  उन्होंने भरोसा जताया कि नासिक का टमाटर मंडियों में पहुंचने के बाद इसके दाम नीचे आएंगे. हुसैन ने गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हुए कहा कि अब तक कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है. गौरतलब है कि दिल्ली की सब्जी मंडियों में टमाटर का थोक भाव 40 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम, खुदरा बाजार में भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है. चंद सप्ताह के अंदर टमाटर की कीमतों में हुई इस बेतहाशा वृद्धि से परेशान दिल्ली सरकार ने अब मदर डेयरी से 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से टमाटर बेचने को कहा है.

बता दें कि 1998 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवानी पड़ी थीं. इसमें प्याज की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि भी प्रमुख वजह मानी जाती है. ऐसे में आप चुनावी साल में कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहेगी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com